बाराबंकी। इमाम हुसैन (अ.स.) ने इंसानियत का पैगाम दिया और इंसानी वसूलों को बचाने के लिये कर्बला में अपनी और अपने घरानो की कुर्बानी पेश की। देवा रोड स्थित मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मोहर्रम की दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैय्यद मोहम्मद हसनैन बाकरी ने किया। मौलाना ने आगे कहा कि नबी के नवासे ने शुरु में ही ऐलान कर दिया था कि मैं अपने नाना के दीन को बचाने के लिये और जुल्मों सितम खत्म करने के लिये कुर्बानी दे रहा हूं। मौलाना बाकरी ने आगे कहा कि यजीद को सिर्फ नबी अकरम के नवासे से दुश्मनी नही थी बल्कि आप के लाये हुए इस्लाम से दुश्मनी थी। कर्बला और अजादारी का पैगाम दुनिया से बुराईयों और जुल्म सितम का खात्मा है। मौलाना ने कहा कि यही वजह है कि आज हर इंसाफ पसंद इमाने कर्बला की याद मनाता है और इसमे शरीक होता है। आखिर में मौलाना ने कर्बला के शहीदों के दर्दनाक मसायब बयान किये जिसे सुनकर अजादार रो पड़े। मजलिस से पूर्व अजमल किन्तूरी, रिजवान ने पेश ख्वानी की।