हैदराबाद। मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि उनकी पार्टी बिहार में भले ही 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही हो लेकिन यह कोई प्रतीकात्मक लड़ाई नहीं है। एमआईएम मुख्यालय दारुस्सलाम में ओवैसी ने कहा यह एक गंभीर लड़ाई है। हम जीतने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। ओवैसी ने कहा कि यह शुरुआत है। निश्चित ही हम भविष्य में पूरे बिहार में पार्टी को फैलाएंगे। हमने राज्य के सबसे पिछड़े इलाके, सीमांचल से शुरुआत की है। खुद को फिलहाल 6 सीट तक सीमित किया है। बिहार विधानसभा में 243 सीट हैं। सीमांचल में 24 सीटें पड़ती हैं। एमआईएम इनमें से छह पर चुनाव लड़ रही है। ओवैसी ने इस बात को गलत बताया कि धर्मनिरपेक्ष मतों के बंटने की आलोचना से बचने के लिए उन्होंने सिर्फ छह सीटों पर चुनाव लडऩे का फैसला किया है।
उन्होंने कहा बिलकुल भी नहीं। आलोचना या प्रशंसा हमारे फैसले पर असर नहीं डालते। यह पार्टी का फैसला है। ओवैसी ने कहा कि एमआईएम पर धर्मनिरपेक्ष मतों के बंटवारे का आरोप नहीं लगाया जा सकता क्योंकि धर्मनिरपेक्ष धड़ा 237 ऐसी सीटों पर चुनाव लड़ रहा है जहां एमआईएम नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा को हराना है। हमने लोगों से अपील की है कि वे धर्मनिरपेक्ष धड़ों के धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवारों को मत दें।
ओवैसी ने कहा कि अगर धर्मनिरपेक्ष मतों के बंटवारे के लिए किसी को निशाना बनाया ही जाना चाहिए तो वह वाम मोर्चा है जो 200 सीटों पर लड़ रहा है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हैं। ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में उप चुनाव में एमआईएम की भागीदारी का औचित्य भी बताया। उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी को बेनकाब करना चाहते हैं। उन्होंने इजाजत देने के बावजूद हमें राज्य में सभा नहीं करने दी। अब चुनाव आयोग की निगरानी में चुनाव हो रहे हैं। अब मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं कि मुझे रोक कर देख लें।