नई दिल्ली। देशभर में भाजपा नेताओं की फिसलती जुबान से पार्टी हाईकमान काफी नाराज हैं। हाईकमान की नाराजगी भी जायज है क्योंकि इस बयानबाजी से पार्टी को बिहार चुनाव और पंचायत चुनावों में फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है। दादरी हत्याकांड को लेकर बीजेपी नेतृत्व ने अपने नेताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी नेता दादरी हत्याकांड पर ऐसा भड़काऊ बयान ना दे जिससे हालात और बिगड़े। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने स्थानीय विधायक और सांसद को छोड़कर किसी भी नेता को बिसाड़ा गांव नहीं जाने की चेतावनी दी है। बीजेपी का मानना है कि यूपी की समाजवादी पार्टी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए दादरी हत्याकांड को हवा दे रही है।
लिहाजा कोई भी बीजेपी नेता ऐसा कुछ नहीं करे जिससे अखिलेश सरकार को राजनीतिक फायदा मिले। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और बीजेपी के फायरब्रांड विधायक संगीत सोम की मुश्लिलें बढऩे वाली हैं। दादरी हत्याकांड के बाद बिसाड़ा गांव में धारा 144 लागू होने के बावजूद सभा करने के आरोप में दोनों के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है। स्थानीय पुलिस ने गौतम बुध नगर के डीएम को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें मंत्री महेश शर्मा, संगीत सोम और बीएसपी विधायक और यूपी के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी शुरू से दादरी की घटना को कानून एवं व्यवस्था का मामला बताती रही, लेकिन उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार की अगुआई में उसके नेता इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने में लगे हैं। यही नहीं, जिन दलों का वहां से कोई लेना नहीं है, उनके नेताओं ने वहां जाकर सपा की साजिश को हवा दी। सिंह ने आरोप लगाया कि आजम खान दूसरे व्यक्ति हैं, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद भारत के अंदरुनी मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र गए हैं। यादव और खान ने संविधान की शपथ ली है, इसलिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस बारे में जवाब देना चाहिए कि खान ने कैसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव को चि_ी लिखी।