लखनऊ। सपा सुप्रीमो की खिलाफत करने वाले निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर की मुश्किलें और बढ़ गई है। लोकायुक्त ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज करने और सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी के माध्यम से जांच की सिफारिश की है।
एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव (गृह) और मुख्य सचिव (सतर्कता) को अपनी रिपोर्ट भेजी है। उन्होंने कहा कि मेहरोत्रा ने ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश करते हुए सीबीआई या विजिलेंस समेत किसी भी एजेंसी से जांच का सुझाव दिया है। लोकायुक्त मेहरोत्रा ने एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर ठाकुर के खिलाफ कथित तौर पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निलंबित आईपीएस ठाकुर ने कहा कि एकतरफा जांच में लोकायुक्त ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति रखने का दोषी पाया है। उन्हें सीबीआई जांच से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन राज्य सरकार को इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने में कठिनाई हो सकती है, जो स्वतंत्र और विश्वसनीय है।
इससे पहले, ठाकुर ने अपने खिलाफ लोकायुक्त जांच के खिलाफ हाई कोर्ट का रूख किया था, लेकिन पहले ही पूछताछ पूरी होने के आधार पर इसे अस्वीकार कर दिया गया। आईजी रैंक के अधिकारी ठाकुर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 13 जुलाई को अनुशासनहीनता के दोष में निलंबित किया गया था। यह निर्णय ठाकुर द्वारा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के कुछ ही दिनों बाद आया।