नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में भारत के गेहूं की डिमांड और ज्यादा बढ़ गई है। गेहूं की मांग में जबर्दस्त इजाफा होने के चलते किसानों को भी खूब लाभ मिल रहा है। एक दशक से अधिक समय में पहली बार एक सीजन में भारतीय किसान अपनी नई गेहूं की फसल को राज्य के भंडार के बजाय निजी व्यापारियों को बेच रहे हैं, क्योंकि वैश्विक गेहूं की कीमत ने भारत के आपूर्तिकर्ताओं को एक नया लाभदायक रास्ता दिखाया है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद मजबूत मांग का मतलब है कि गेहूं उत्पादकों को उनकी फसलों के लिए अब तक की सबसे अधिक कीमत मिल रही है, साथ ही राज्य की अनाज खरीद एजेंसी पर भी दबाव कम हो रहा है, जो अंतिम उपाय के खरीदार के तौर पर भारी कर्ज लेती है। गेहूं की कीमतों में उछाल का समय है। वैश्विक कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं। ऐसे में भारतीय किसानों ने भी इसे भुनाने के लिए रिकॉर्ड गेहूं की फसल उपजाई है।