लखनऊ। भाजपा की नजर 36 विधान परिषद की सीटों पर है। नौ अप्रैल को 36 विधान परिषद की सीटों के लिए वोटिंग होनी है। विधान परिषद में इस समय 37 पद खाली हैं और भाजपा सबसे बड़ा दल है। 7 मार्च को निकाय क्षेत्र के 36 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया था और इसके बाद भाजपा सबसे बड़ा दल बन गया है। भाजपा इस चुनाव के जरिए कई ऐसे लोगों को तोहफा दे सकती है जिनको चुनावी टिकट नहीं दिया गया था या फिर जो बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। बताया जा रहा है अपर्णा यादव को भी विधान परिषद में मौका दिया जा सकता है। इसके बाद वह सरकार में भी अहम भूमिका निभा सकती हैं। केशव प्रसाद मौर्य इस बार सिराथू से चुनाव हार गए। ऐसे में सवाल यह है कि उनका डिमोशन होगा या प्रमोशन। वह पांच साल से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें फिर से बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में भाजपा को विधान परिषद का सहारा लेना पड़ेगा।