राज्यसभा : हंगामा-शोरशराबा, और स्थगन

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ के लिए निलंबित 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन की बैठक बुधवार को तीन बार के स्थगन के बाद अंतत: अपराह्न तीन बज कर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया। तीन बार के स्थगन के बाद जब तीन बजे बैठक पुन: शुरू हुई तब पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बांध सुरक्षा विधेयक पर अपनी बात पूरी करने के लिए कहा। शेखावत ने अपनी बात रखनी शुरू की लेकिन इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थान से आगे भी आ गए।कालिता ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा ‘‘कृपया सदन में व्यवस्था बनाए रखें। आपको सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। जो हो रहा है, वह सदन के लिए अच्छा नहीं है और इससे लोगों के बीच अच्छा संकेत नहीं जाएगा। सदन में व्यवस्था नहीं होने पर आपकी बात कैसे सुनी जा सकेगी। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा ‘‘मैंने मंत्री को बोलने की अनुमति दी है। आप उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं। अपने स्थानों पर जाएं और कामकाज चलने दें।’’ अपनी अपील का असर नहीं होते देख पीठासीन अध्यक्ष ने तीन बज कर पांच मिनट पर बैठक को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक तीन बार बाधित हुई। गौरतलब है कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।