जानें मुख्तार अंसारी कैसे बना इतना दुर्दांत अपराधी

लखनऊ। प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्तार अंसारी गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद थाने का मजारिया हिस्ट्रीशीटर है और उसके विरुद्ध प्रदेश के विभिन्न जिलों में 52 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 15 मुकदमे विचाराधीन हैं। इन मुकदमों में शीघ्र अभियोजन की कार्यवाही पूरी कराकर उसे सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत पुलिस को जघन्य अपराधिक माफिया (गैंग लीडर-आईएस-191) मुख्तार अंसारी के विरुद्ध महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट प्रबल पैरवी कर उसे पंजाब से यूपी लाने का आदेश प्राप्त किया। अब शासन के आदेश के अनुसार रूल्स फॉर गाड्र्स एवं स्कोट्र्स (1970) के प्रावधानों के तहत स्थापित प्रोटोकाल व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उसे यूपी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में बाराबंकी में आईपीसी की धारा–429, 420, 467, 468 व 417 के तहत दर्ज मुकदमे की विवेचना में भी मुख्तार अंसारी का नाम प्रकाश में आया है। मुख्तार अंसारी के द्वारा पूर्व में पूर्वांचल में कई जघन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है और पुलिस कर्मियों की भी हत्याएं की गई हैं। उसने प्रदेश के कुख्यात अपराधियों व शूटरों का गैंग बनाकर समीपवर्ती राज्य बिहार के शहाबुद्दीन गैंग से भी संपर्क जोड़ा और एक मजबूत आपराधिक नेटवर्क एवं आपराधिक साम्राज्य स्थापित किया। अपराध एवं आतंक के कारण मुख्तार द्वारा पूर्वांचल की कोयल मंडी एवं ठेकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर करोड़ों रुपये की मासिक उगाही की जाती रही है। साथ ही व्यापारियों को भी धमकी देकर उनसे भी गुंडा टैक्स की वसूली की जाती रही है।