दिनेश शर्मा, गाजिय़ाबाद। पैंठ बाज़ार संघर्ष समिति के संयोजक व भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य,सांसद प्रतिनिधि अशोक संत ने मुख्यमंत्री से मांग की है़ कि पटरी पर बाज़ार लगाने वाले गरीब दुकानदारों को संरक्षण प्रदान किया जाय क्योंकि आये दिन बड़े व्यापारी इन बाजारों के ख़िलाफ़ माहौल बनाकर इन्हें हटाने की मांग उठाते रहते है़। संविधान हर व्यक्ति को अपनी रोजी रोटी चलाने की गारण्टी प्रदान करता है़। इसमे जबरन हस्तक्षेप इनके अधिकारों का हनन है़। कोरोना काल में प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश शासन द्बारा इन सभी पटरी बाजारों के दुकानदारों को आर्थिक धनराशि देकर इनकी मदद की गयी है़ जिससे इनको कोई परेशानी ना हो परंतु बड़े व्यापारिक संगठनों व नेताओं की नित्य नई योजनाओं को देखते हुए नजर आ रहा है़ कि पटरी दुकानदारों को बड़े दुकानदार विदेशी नागरिक समझते है़। यह भी हमारे ही भारत के नागरिक है़। इन गरीब रेहड़ी पटरी व खोखा दुकानदारों को भी अपने परिवार को पालने का अधिकार है़। इनकी वर्षो से चली आ रही समस्या के समाधान हेतू मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्बारा देश की सर्वोच्च संस्था संसद से कानून बना जो वेण्डर एक्ट 2014 के नाम से है़। उसमे तमाम पटरी बाजार वालों के हक़ में संरक्षण प्राप्त है़। इस एक्ट में वेंडर्स को बसाने के अधिकार है़ उजाडऩे के नहीँ। अशोक संत ने अपील की कि बड़े दुकानदारों को भी बड़ा ह्रदय रखते हुए इनको उजाडऩे की बजाय बसाने में सहयोग करना चाहिए।