अभिषेक मिश्रा ‘अर्जुन’ । साल 2006 के बाद से लखनऊ विश्वविद्यालय में कभी छात्र संघ चुनाव नही हुआ , आज छात्रों की आवाज़ को उठाने के लिए कोई भी ऐसा माध्यम नही है जहाँ वो अपनी बात रख सकें । छात्र नेताओं का मानना है कि सरकार हमेशा से ही शांति व्यवस्था भंग होने की दलील को सामने लाकर छात्रसंघ चुनाव की बात को ठंडे बस्ते में डाल देती है । गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ और कर्मचारी संघ दोनों का चुनाव होता है लेकिन सिर्फ छात्र संघ का ही चुनाव कराने में सरकार को समस्या आ रही है । छात्रों का यह भी कहना है कि वे किसी भी मुद्दे को लेकर आवाज़ उठाने की कोशिश करते हैं तो उनको दबाने का काम किया जाता है और उनके मुद्दों को गंभीरता से नही लिया जाता है । लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली को लेकर पिछले 6 दिनों से छात्र लगातार आम छात्रों से संवाद कर रहे है । छात्र अलग अलग विभागों में जाकर विद्यार्थियों से छात्र संघ चुनाव के पक्ष में समर्थन मांग रहे हैं और दावा भी कर रहे है कि विश्वविद्यालय में पढऩे वाले अधिक से अधिक छात्रों की यही मांग है कि छात्र संघ चुनाव कराए जाएं । छात्रों का काफ़ी समर्थन हासिल हो रहा है और इस कारण आने वाले समय मे छात्रसंघ बहाली को लेकर बड़ा आंदोलन होगा ।