लखनऊ। संघ को समझना है तो संघ की सेवा की दृष्टि समझने का प्रयास करना होगा। हर आपदा में बिना किसी सरकारी सहायता के संघ देश के नागरिकों के लिए बिना किसी भेदभाव के दिनरात सेवाकार्यों में सम्पूर्ण समर्पण के साथ लगा रहा। भारत की दृष्टि ही संघ की दृष्टि रही है। आलोचनाओं से विचलित हुए बिना संघ ने भारत की दृष्टि को अपनाया है। स्वयंसेवक का सिर्फ एक धर्म है वो है राष्ट्र धर्म जिसका संघ ने सदैव पालन किया।‘ ‘ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों पर आधारित एक पुस्तक विमोचन के दौरान कहीं। लखनऊ स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स सभागार में संघ के बड़े पदाधिकारियों की मौजूदगी में शुक्रवार को संघ के सह प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर की पुस्तक ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: स्वर्णिम भारत के दिशा-सूत्र’ का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा यह केवल एक पुस्तक नही है बल्कि एक दृष्टि भी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 1925 से सेवारत, विगत 96 वर्षों का एक ऐसा संगठन रहा जो बिना किसी सरकारी सहयोग से भारतीय संस्कृति सभ्यता को अनंत काल तक बनाए रखने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।
सेवा के माध्यम से कोरोना के महामारी के दौरान संघ के योगदान को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा देश में जब कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च 2020 को लॉकडाउन प्रारंभ हुआ। ऐसे कठिन समय में कोई संगठन जो सबसे पहले सेवाकार्य के लिए आगे आया वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ था। संघ के स्वयं सेवकों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आम जन को फूड डिलीवरी और चिकित्सीय सहयोग जैसे सेवा कार्यों को अंजाम दिया। वहीं विभिन्न राज्यों से पलायन कर रहे प्रवासी कामगारों की भी संघ ने भरपूर मदद की, किसी को भी भूखा नही सोने दिया यहां तक कि लोगों के पांव तक धोए। प्रवासियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने में सरकार की मदद की। इस पूरे सेवा कार्य के दौरान संघ ने किसी का मत, जाति, भाषा और क्षेत्र नही पूछा। मुख्यमंत्री ने कहा संघ भारत के वसुधैव कुटुंबकम् और सर्वेभवन्तु सुखिन: के दर्शन का अनुसरण करते हुए विगत 96 वर्षों से आलोचनाओं के परे रह कर निर्विकार भाव से सेवा करता रहा। संघ के कार्यकर्ता गांव के नागरिकों तक को विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में गंभीर बीमारियों में लोगों की सेवा और सुविधा के लिए टाटा कैंसर हास्पिटल हो या पीजीआई में मरीजों और उनके परिवार वालों को सभी सुविधा मुहैया कराने वाले संस्थानों का कुशलता से संचालन किया। दुरूह केदारनाथ, बद्रीनाथ में भारी बर्फबारी के बीच संघ ने श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सालय बनाया। प्रयागराज में कुम्भ के दौरान संघ ने सरकार को सहयोग करने के लिए मेले में श्रद्धालुओं की आँखों की जांच और इलाज के लिए आँख का एक विशालकाय अस्पताल ही बना दिया।