लखनऊ। प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसरों में काफी इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति के कारण अगले एक साल में एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को 80 हजार करोड़ लोन देने का लक्ष्य बैंकों को दिया है। इस धनराशि से करीब 20 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगी और अमूमन एक इंडस्ट्री में चार से पांच लोगों को रोजगार मिलेंगे।
सीएम योगी की पहल पर कोरोना काल में युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार दिलाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य किया गया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश सरकार के विशेष समन्वय से इस वित्त वर्ष में आवंटित लक्ष्य 61,759 करोड़ के सापेक्ष दिसंबर तक 61977 करोड़ (100.35) के लोन एमएसएमई को दिए गए हैं। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि योगी सरकार में एमएसएमई को अब तक का सबसे ज्यादा लोन दिया गया है और इससे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल चुके हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष के बजट में स्वरोजगार योजना के लिए सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं। आर्थिक विशेषज्ञ अरविंद जायसवाल ने बताया कि योगी सरकार में एमएसएमई को बैंकों से जो सहूलियत मिल रही है। इससे सिर्फ एमएसएमई को ही नहीं लाभ मिल रहा है, बल्कि प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। इससे निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई ग्रोथ इंजन साबित हो रहा है। प्रदेश में पिछले चार साल में 49 लाख एमएसएमई ने निवेश किया है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष में एमएसएमई को 80 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य दिया है। इससे 20 लाख एमएसएमई को लाभ मिलेगा और करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
सीएम योगी ने बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के लिए 250 करोड़ प्रस्तावित किए हैं। ओडीओपी में पिछले साल 14 मई, 26 जून, सात अगस्त और तीन दिसम्बर को चार आनलाईन मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को करीब 30 हजार करोड़ का लोन दिया था। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 19 से 23 अक्टूबर तक ओडीओपी वर्चुअल मेला फेयर का आयोजन किया गया। इसमें 35 देशों और देश के करीब 1000 खरीदारों ने हिस्सा लिया था।