ओरछा धाम, टिकमगढ में 10 दिवसीय संत समागम

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वि.। हाल ही में क्षिप्रा के किनारे उज्जैन में ‘सिंहस्थ का आयोजन हुआ! इस पवित्र आयोजन में देश और दुनिया के जाने-माने संत, महात्माओं ने अपनी वाणी से उज्जैन आए श्रद्धालुओं को धर्म-दर्शन दिया! जो श्रद्धालु उज्जैन के इस धार्मिक समागम में शामिल नहीं हुए, वे संत वाणी से भी वंचित रहे। सम्भवत: बुंदेलखंड के भी कई लोग ‘सिंहस्थ नहीं जा सके होंगे। राजा राम और पीतांबरा माता की इस धरती को संत वाणी से गुंजित करने के लिए ओरछा में एक वृहद ‘संत समागमÓ आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
यह धार्मिक आयोजन ओरछा (जिला: टीकमगढ़) में आयोजित करने का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं (सूखे और उसके बाद अतिवर्षा) से सर्वाधिक प्रभावित बुंदेलखंड को संत वाणी से आशीष वचन दिलवाना है। विचार है कि शायद अभी तक बुंदेलखंड की धरती पर संत, महात्माओं की वाणी गुंजित नहीं हुई है इसलिए प्रकृति भी रूठी हुई है।
नवरात्री और पुख नक्षत्र (1 से 10 अक्टूबर 2016) के अवसर पर राजा राम की धरती पर बेतवा नदी के किनारे पूर्णत: प्राकृतिक वातावरण में ओरछा धाम में प्रस्तावित इस ‘संत समागम में प्रतिदिन संत प्रवचन, कन्या पादपूजन, योग शिक्षा, राम कथा, दोनों समय का भंडारा, धार्मिक फिल्मों का प्रदर्शन, ग्रामीण हाट बाजार म.प्र. की लोक कलायें एवं भारतीय संस्कृति समेत कई आयोजन किए जाने का विचार है।
बुंदेलखंड की धरती पर होने वाले इस ‘संत समागम का उद्देश्य नवरात्री के 9 दिनों को धर्म-दर्शन, संत वाणी और धार्मिक वातावरण निर्मित करना है।
इस ‘संत समागम में आपकी सहभागिता प्रार्थनीय है। नवरात्री के 9 दिनों में अपनी सुविधा का एक दिन निर्धारित कर इस धार्मिक आयोजन में पधारने और अपने धर्म दर्शन से श्रद्धालुओं को ओतप्रोत करने की स्वीकृति प्रदान करें। इस आयोजन में 9 महामंडलेश्वर, कई संत, योग शिक्षक शामिल होंगे।
आयोजन का शुभारंभ विशाल कलश यात्रा से होगा। ‘संत समागमÓ में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, कई मंत्री, राजनेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री सर्वश्री राजनाथ सिंह, नरेंद्र तोमर और महेश शर्मा ने पधारने की स्वीकृति प्रदान की है।