क्या राजतंत्र की चापलूसी हमारे डीएनए में है

william & ketनई दिल्ली। भारत को मीडिया ब्रिटेन के शाही परिवार को लेकर आत्म मुग्ध क्यों रहता है, परिवार की छोटी सी छोटी खबर को भी महत्व दिया जाता है, देश की मीडिया का बड़ा हिस्सा अभी भी गुलाम मानसिकता में जी रही है। जनसंदेश आपको उसकी बानगी दिखाना चाहता है। जिससे सवाल उठता है कि क्या राजतंत्र की चापलूसी हमारे डीएनए में है। प्रिंस विलियम व केट मिडलटन के भारत दौरे पर उत्साहित मीडिया लिखता है- भारत के पहले दौरे पर पहुंचे ड्यूक और डचेज ऑफ कैम्ब्रिज ने दक्षिण मुंबई में बाणगंगा पानी टंकी के पास स्माइल एनजीओ की देखभाल में रहने वाले बच्चों के साथ खुलकर बातचीत की। इससे पहले शाही दंपत्ति मुंबई के ओवल मैदान में सचिन तेंदुलकर से एक क्रिकेट के मैच के लिए मिला। पत्नी केट मिडलटन के साथ छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत और मजाक के दौर के बीच प्रिंस विलियम ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं गणित में बिल्कुल जीरो हूं।

भारत के पहले दौरे पर पहुंचे ड्यूक और डचेज ऑफ कैम्ब्रिज ने दक्षिण मुंबई में बाणगंगा पानी टंकी के पास स्माइल एनजीओ की देखभाल में रहने वाले बच्चों के साथ खुलकर बातचीत की। इससे पहले शाही दंपत्ति मुंबई के ओवल मैदान में सचिन तेंदुलकर से एक क्रिकेट के मैच के लिए मिला।वंचित छात्रों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगइन स्माइल के प्रतिनिधियोंए बच्चों के परिवार और समुदाय के लोगों से भी विलियम और केट ने भेंट की। दोनों ने बच्चों के साथ फुटबॉल भी खेला और उनके साथ बातचीत भी की।विलियम ने बच्चों से पूछा कि आप क्या पढ़ते हैं आशा करता हूं कि आप अपने विषयों पर मेहनत कर रहे हैं और बिना थके अपने सपनों को पूरा करने में जुटे हैं। आपके पसंदीदा विषय कौन से है। लेकिन जब एक बच्चे ने कहा कि गणित उसका पसंदीदा विषय है और वह शिक्षक बनना चाहता हैए तो 33 वर्षीय प्रिंस ने कहा कि मैं गणित में जीरो हूं। बहुत ही खराब।विलियम ने तेंदुलकर की जमकर तारीफ की और उन्हें एक महान क्रिकेटर बतायाए जिन्हें देखकर मैंने बल्लेबाजी सीखी। शाही दंपत्ति ने बच्चों से जानना चाहा कि वे अपनी पढ़ाई के साथ.साथ शारिरीक व्यायाम को महत्व देते हैं या नहीं और उनके शौक क्या हैं।