नई दिल्ली। इकोनॉमिक सर्वे साफ संकेत दे रहा है कि ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पडऩे जा रही है। और इसकी एक बड़ी वजह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत। सरकार निवेश बढ़ाती है तो फिस्कल डेफिसिट बढऩे का खतरा होगा। वहीं ग्रोथ के लिए बड़ा पैसा चाहिए, वो कहां से आएगा। महंगाई, रोजगार और टैक्स जैसे बड़े मुद्दे भी सरकार के सामने हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि वित्त मंत्री बजट में क्या बोल्ड फैसले लेंगे। संसद में पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्तीय वर्ष के लिए अच्छी तस्वीर पेश की है। सर्वे में अगले साल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से लेकर 7.75 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है।