मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया को संप्रदायवाद भारत ने नहीं दिया है। इस देश ने दुनिया को अध्यात्मवाद दिया है। इससे सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। अपनी बात को रेखांकित करने के लिए उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया।
देश की विरासत के लिए संतों और धार्मिक विद्वानों की सराहना करते हुए उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि दुनिया ठीक से भारत के लोगों को समझने में असफल रही है। जैन आचार्य रतनसुंदेरसूरिस्वरजी महाराज की लिखी किताब मरु भारत सरु भारत के विमोचन समारोह को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत वह देश है जिसने दुनिया को किसी एक खास संप्रदाय में बांधने का प्रयास नहीं किया है। हम वह लोग हैं जिसे दुनिया उस तरह नहीं समझ सकी है जैसा हमें समझा जाना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट किया, भारत ने दुनिया को न तो कौम दिया है न ही कौमवाद। हमारे ऋषी-मुनी और परंपराओं ने दुनिया को अध्यात्मवाद दिया है न कि संप्रदायवाद। उन्होंने कहा कि संप्रदाय समस्या पैदा करता है जबकि अध्यात्मवाद उसका समाधान निकालता है। असहिष्णुता पर जारी बहस के विरोध में मोदी की यह टिप्पणी अपना खास महत्व रखती है।