लखनऊ । यह देश की सहिष्णुता की पराकाष्ठा का उदाहरण हैए एक तरफ जब पूरा देश पठानकोट एयरबेस पर पाकिस्तान से आये आतंकवादी हमले को लेकर शोक मना रहा हैए आगरा में उप्र सरकार ने प्रवासी सम्मेलन में पाकिस्तानी गायक राहत फतेहअली का गायन मजे लेकर सुना। इस कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। सम्मेलन में मौजूद तमाम प्रवासी भारतीयों में से किसी ने भी इस पर कोई आपत्ति दर्ज नही कराई।
याद रहे पिछले दिनों गुलाम अली के मुंबई कार्यक्रम को लेकर शिवसेना ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद एक समाचार पत्र ने गुलाम अली को लखनऊ बुला कर कार्यक्रम कराया था। उप्र सरकार ने गुलाम अली को लखनऊ महोत्सव में बुलाने का एलान कर दिया। अब पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली को पठानकोट के एयरबेस पर हमले के दौरान ही कार्यक्रम करा दिया। राहत को इस कार्यक्रम के लिए अच्छी खासी फीस दी गई।
पठानकोट हमले के बाद स्थगित होना चाहिए था कार्यक्रम
उप्र भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा है कि पठानकोट पर आतंकवादी हमले के बाद राहत फतेह अली का कार्यक्रम स्थगित होना चाहिए था। प्रवासी सम्मेलन में आतंकवादी घटना में मारे गए शहीदों के लिए शोक व्यक्त किया जाना चाहिए था। लेकिन उप्र सरकार को देश के बहादुर सैनिकों की शहादत का सम्मान करना नही आता है। बाजपेयी ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि एक तरफ सेना आतंकवादियों से जूझ रही है दूसरी ओर प्रदेश सरकार पाकिस्तान के कलाकारों को फीस के रूप में पाकिस्तान को रकम मुहैया करा रही है।