नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि गंगा अक्टूबर 2018 तक पूरी तरह से निर्मल हो जाएगी। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित जल नवप्रवर्तन संगोष्ठी 2015 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करना सिर्फ सरकार की ही नहीं बल्कि समाज के सभी वर्गों की सामूहिक जिम्मेवारी है। उमा भारती ने कहा कि इस काम में गैर सरकारी संगठन, उद्योग जगत और हर भारतीय की व्यक्तिगत भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा- प्रौद्योगिकी की मदद से गंगा को साफ करना कठिन नहीं है, लेकिन उसे स्वच्छ और निर्मल बनाए रखना एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे जन भागीदारी के जरिए ही हासिल किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय आवश्यकता पडऩे पर इस काम में इजराइल, आस्ट्रेलिया, इंग्लैड और जर्मनी जैसे देशों से भी मदद लेगा। उन्होंने कहा कि कई बार लोगों के बीच यह धारणा बन जाती है कि गंगा सफाई का काम धीमा पड़ गया है क्योंकि मीडिया में इसकी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है। भारती ने कहा कि ऐसा नहीं है और यह धारणा कभी कभी इसलिए बन जाती है क्योंकि हम बिना शोर मचाये धीर गंभीर मन से इस काम में लगे है। उन्होंने कहा कि हमें पिछली सरकार द्वारा हड़बड़ी में किए गए काम और उसकी असफलता से भी सबक लेना है। सरकार को इस बार यह सुनिश्चित करना है कि एक बार गंगा को निर्मल कर दिए जाने के बाद उसे भविष्य में भी निर्मल बनाए रखने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय करनी होगी और ऐसा तंत्र विकसित करना होगा जो नदी की सफाई पर बराबर निगरानी रखे। उमा ने कहा कि गंगा सफाई से जुड़ें सभी सयंत्रों के देखभाल का जिम्मा अगले तीस वर्षों तक उसका निर्माण करने वाली कंपनी को लेना होगा। देश में जल अंकेक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि इस दिशा में हमें बंगलादेश से बहुत कुछ सीखना चाहिए जहां जल अंकेक्षण की एक प्रभावकारी प्रणाली विकसित की गई है। नदी घाटी प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार का नदी जोड़ो कार्यक्रम बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। उमा ने उम्मीद जताई कि देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा पर काम का शुभारंभ अगले वर्ष शुरू हो जाएगा।