एंटाल्या। भारत और आस्ट्रेलिया ने अपने द्विपक्षीय असैनिक परमाणु करार के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने की घोषणा की है। करार अस्तित्व में आने से गंभीर संकट का सामना कर रहा भारत पारंपरिक ईधन आपूर्ति बढ़ाने के लिए आस्ट्रेलिया से यूरेनियम खरीद सकेगा। रविवार को औपचारिकता पूरी होने की घोषणा जी20 शिखर बैठक में हिस्सा लेने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके आस्ट्रेलियाई समकक्ष माल्कम टर्नबल के साथ हुई मुलाकात के बाद की गई है। दुनिया के यूरेनियम भंडार का 40 फीसदी आस्ट्रेलिया के पास है। वह प्रतिवर्ष 7000 टन यूरेनियम निर्यात करता है। भारत और आस्ट्रेलिया ने यूरेनियम बिक्री के लिए 2012 में समझौता किया था। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच असैन्य परमाणु समझौता के लागू होने की सभी प्रक्रिया पूरी हो जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों में इसे एक मील का पत्थर बताया। जी20 शिखर सम्मेलन से इतर आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टर्नबुल मैलकम से अपनी पहली मुलाकात में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौता एक मील का पत्थर तथा भरोसे और विश्वास का परिचायक है। स्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि इस समझौते के प्रशासनिक व्यवस्था समेत सभी प्रकियाएं पूरी होना दोनों देशों की बढ़ती नजदीकियों को दर्शाता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मोदी के हवाले से ट्वीट में दोनों नेताओं के मुलाकात की तस्वीर जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने भारत आस्ट्रेलिया असैन्य परमाणु समझौते के लागू होने की प्रक्रिया पूरी होने की घोषणा की । इसके साथ ही यह समझौता औपचारिक रूप से लागू हो गया है।
एजेंसियां