लखनऊ। यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य का निर्णय प्रदेश के किसानों के हितों को दृष्टिगत एवं सभी पहलुओं पर विचार कर यथाशीघ्र किया जाये। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र की 02 चीनी मिलें बागपत, रमाला में पेराई का कार्य प्रारम्भ हो जाने के फलस्वरूप अवशेष सहकारी चीनी मिलों में आगामी 15 नवम्बर से पेराई का कार्य अवश्य प्रारम्भ करा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की 02 चीनी मिलों में पेराई का कार्य प्रारम्भ हो जाने के उपरान्त अधिक से अधिक चीनी मिलों में 20 नवम्बर तक पेराई का कार्य अवश्य प्रारम्भ करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की इच्छा है कि किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान प्रत्येक दशा में 14 दिन के अन्दर अवश्य कराया जाये। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान एवं चीनी मिल मालिक एक दूसरे के पूरक हैं, जिसमें सामंजस्य का अभाव नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसान अच्छी प्रजातियों का प्रयोग कर गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने हेतु और अधिक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि गन्ना उत्पादकों को उनकी उपज का उचित दाम अवश्य मिलना चाहिये।
मुख्य सचिव आज योजना भवन के सभागार में राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति की बैठक मिल मालिकों एवं गन्ना किसान प्रतिनिधियों के साथ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना उत्पादकता में गत वर्षों की अपेक्षा वृद्धि होने के फलस्वरूप 57 टन प्रति हेक्टेयर से 65 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई है, लेकिन अभी भी राष्ट्रीय औसत 70 टन प्रति हेक्टेयर को प्राप्त किया जाना है। उन्होंने कहा कि मिल मालिकों को भी गन्ना किसानों की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिये। उन्होंने कहा कि मिल मालिकों को यह भी सुनिश्चित कराना होगा कि गन्ना किसानों को अपना गन्ना बेचने हेतु कई-कई दिनों तक इंतजार न करना पड़े। उन्होंने कहा कि चीनी परता रिकवरी 9.56 को बढ़ाने हेतु भी प्रयास सुनिश्चित किये जायें।