नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से जल्द ही पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि 2007-12 के दौरान जब एनआरएचएम के क्रियान्वयन में कथित अनियमितता हुई तो उस वक्त बीएसपी चीफ मायावती राज्य की सर्वेसर्वा थीं और अब उनको इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि वह 10,000 करोड़ रुपये के घोटाले की बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए जल्द ही पूछताछ करेगी। सूत्रों के अनुसार एनआरएचएम के तहत कुछ परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराए जाने पर स्पष्टीकरण की जरूरत है जिसमें तत्कालीन प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप शुक्ला को एजेंसी ने आरोपी बनाया है। आरोप है कि एनआरएचएम से जुड़े धन का नेताओं, नौकरशाहों और चिकित्सकों ने गबन किया।
एनआरएचएम केंद्र सरकार की योजना है जो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए है। इस मामले पर पर्दा डालने के प्रयास के तहत करीब पांच लागों की मौत हो गई या उनकी हत्या कर दी गई। बीएसपी सरकार के समय उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा को तीन मार्च, 2012 को गिरफ्तार किया गया था और वह अब भी जेल में हैं। कुशवाहा ने हाल ही में जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि जिला परियोजना अधिकारी (डीपीओ) सिर्फ उन्हीं लोगों को बनाया गया है जिन्होंने चुने हुए आपूतिकर्ताओं को अनुबंध दिलाने में कथित तौर पर भूमिका निभाई और बदले में आरोपी नौकरशाहों ने बड़े पैमाने पर अवैध लाभ लिए। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि कथित अपराधिक साजिश के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के बंटवारे का प्रस्ताव दिया गया और भारत सरकार की ओर से तय एनआरएचएम के नियमों के विरूद्ध अनुमति प्रदान की गई। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि डीपीओ के 100 पदों को अनियमित ढंग से तैयार किया गया।
केंद्र ने 2005-06 के दौरान उत्तर प्रदेश को एनआरएचएम के क्रियान्वयन के लिए 11,080 करोड़ रुपये दिए जिसमें से 9,133 करोड़ रुपये उपयोग के लिए जारी किये गये। राज्य सरकार ने केंद्र की ओर से जारी 8,658 करोड़ रुपये खर्च किए। सीबीआई इस मामले में कुशवाहा और तत्कालीन प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप शुक्ला के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है। बीएसपी सरकार के समय उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा को तीन मार्च, 2012 को गिरफ्तार किया गया था और वह अब भी जेल में हैं।
दरअसल मायावती पर आरोप है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के फंड पर 10 हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई थी। इस मामले में अब सीबीआई जल्द ही मायवती से पूछताछ करने वाली है।
आपको बता दें कि एनआरएचएम केंद्र सरकार की योजना है जो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए है। इस मामले पर पर्दा डालने के प्रयास के तहत करीब पांच लागों की मौत हो गई या उनकी हत्या कर दी गई थी। सीबीआई के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि मुकदमे की तफ्तीश के दौरान हुई पूछताछ में बाबू सिंह कुशवाहा और अन्य लोगों के बयानों में ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री से पूछताछ करना लाजिमी हो गया है। सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि यह भी पता लगा है कि सीएमओ के दो पद जानबूझकर एनआरएचएम के फंड की लूट-खसोट करने के लिए साजिश के तहत बनाए गए। सीबीआई ने यह भी पाया है कि जिलों-जिलों से लूटी गई करोड़ों की रकम को रोजाना ऊपर तक पहुंचाया गया।