नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद अब दिल्ली में भी लोगों के घर और दुकान बुलडोजर से तुड़वा दिए गए हैं. पीडि़तों ने दावा किया है कि यह सब सिर्फ एक समुदाय के लोगों को सजा देने के लिए किया जा रहा है.दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के भडक़ने के चार दिनों बाद 20 अप्रैल को स्थानीय प्रशासन ने कई झुग्गियों, मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलवा कर उन्हें तुड़वा दिया. यह तोड़ फोड़ करवाने वाली उत्तरी दिल्ली नगरपालिका ने कहा कि यह कदम “अवैध अतिक्रमण” के तहत बनाई गई संपत्तियों के खिलाफ उठाया गया. लेकिन एक दिन पहले दिल्ली में भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने नगरपालिका के महापौर को एक पत्र लिख कर कहा था, “जहांगीरपुरी में शोभायात्रा पर पथराव करने वाले दंगाइयों द्वारा किए गए अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को चिन्हित कर उस पर तुरंत बुलडोजर” चलवाए जाएं. (पढ़ें: रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने तोड़े मकान, दुकानें) महापौर बीजेपी के ही नेता हैं. इससे पहले मध्य प्रदेश में भी राज्य की बीजेपी सरकार ने खरगोन में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद इसी तरह की कार्रवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उस समय भी स्थानीय प्रशासन ने तोड़ फोड़ का कारण अतिक्रमण बताया था, लेकिन राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने “जिन घरों से पत्थर आए हैं उन घरों को ही पत्थर के ढेर में बदल” देने की बात की थी. नगरपालिका द्वारा करीब एक घंटे की तोड़ फोड़ के बाद एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ फोड़ पर रोक लगा दी, लेकिन इसके बावजूद तोड़ फोड़ चलती रही।