ड्रैगन की चाल से बेहाल है श्रीलंका

डेस्क। पिछले कुछ सालों से अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि बीजिंग कर्ज कूटनीति के जरिए विकासशील देशों को चीन पर अधिक निर्भर बना रहा है। पिछले एक दशक में चीन दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी लेनदार बन गया है। चीनी सरकारी बैंकों ने हाल के सालों में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या विश्व बैंक की तुलना में विकासशील देशों को अधिक कर्ज दिया है। लेकिन चीनी कर्ज की शर्तों और अस्पष्टता को लेकर दुनिया भर में बीजिंग की आलोचना की गई है। श्रीलंका और पाकिस्तान की इकॉनमी को देखने के बाद भी चीन इन देशों की मदद करने से बचता नजर आ रहा है। चीन ने अब तक पाकिस्तान को 4 बिलियन डॉलर के कर्ज को नहीं जारी किया है। श्रीलंका ने चीन से 2.5 बिलियन डॉलर की मदद मांगी है लेकिन बीजिंग ने इस पर भी कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि बीजिंग में श्रीलंका के टॉप राजनयिक ने कहा है कि उन्हें यकीन है कि चीन से सहायता कर्ज के जरिए आएगा।