डेस्क। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि असम राज्य की आबादी में 35 फीसदी मुसलमान हैं और उन्हें अब इस पूर्वोत्तर राज्य में अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता। उन्होंने 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन का भी जिक्र किया और कहा कि अन्य समुदायों के डर को दूर करना राज्य में “मुसलमानों का कर्तव्य है।
असम विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर एक बहस के दौरान बोलते हुए, सरमा ने कहा, “आज मुस्लिम समुदाय के लोग विपक्ष में नेता हैं, विधायक हैं और उनके पास समान अवसर और शक्ति है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि आदिवासी लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाए और उनकी भूमि पर कब्जा नहीं किया जाए। उन्होंने कहा, “छठी अनुसूची क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की भूमि पर अतिक्रमण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि बोरा और कलिता (असमिया उपनाम) उन भूमि पर नहीं बसे हैं, तो इस्लाम और रहमान (मुस्लिम उपनाम) को भी उन जमीनों में बसने से बचना चाहिए।”