लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी मानना है कि राजनीति की शुचिता भाजपाई छल-छद्म की राजनीति के चलते संकट में पड़ गई है। देश आजादी के 75 वर्ष में अमृत महोत्सव मनाने जा रहा है लेकिन स्वतंत्रता संघर्ष के जो मूल्य थे, वे नेपथ्य में हो गए हैं। लोकतंत्र का मूलाधार खतरे में है। राष्ट्र-राज्य को दिशा निर्देशन देने वाले संविधान की सुरक्षा में निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र भूमिका आवश्यक है। चुनाव में लोकतंत्र और संविधान की परीक्षा होती है। संसदीय जनतंत्र की सार्थक भूमिका बनाए रखने के लिए समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से सदन और सदन के बाहर जनता की आवाज पुरजोर तरीके से उठायेगी।पांच वर्ष तक सत्ता में रहते हुए भी भाजपा ने जनहित में कोई कार्य नहीं किया। अब फिर प्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ है लेकिन जो समस्याएं भाजपा ने पैदा की है, उनका निदान दूर-दूर तक होता नहीं दिख रहा है। वस्तुत: विधानसभा चुनावों में जनता भाजपा की भय-भ्रम की राजनीति की शिकार हो गई है। समाजवादी पार्टी अपने तमाम सहयोगियों और समर्थकों के साथ नई ऊर्जा और श्री अखिलेश यादव की प्रगतिगामी सोच के साथ भविष्य की रणनीति बनाकर संघर्ष करती रहेगी।