नई दिल्ली। ट्रेन में तकिया, बिस्तर-कम्बल हटाने के बाद अब भारतीय रेलवे जल्द ही एक ऐसा फैसला लेने जा रही है, जिसके बाद करोड़ों की संख्या में रोजाना ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, रेलवे निर्देश जारी कर सकती है, जिसके तहत रात के समय में यात्रियों को मोबाइल फोन और लैपटॉप चार्जिंग करने की इजाजत नहीं मिलेगी। कुछ ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं सामने आने के बाद रेलवे यह कदम उठाने पर मजबूर हो रहा है।
रेलवे के सीनियर अधिकारियों के अनुसार, रात में ट्रेनों में मोबाइल चार्ज करने की सुविधा को बंद करने के फैसले को एहतियाती कदम बताया जा रहा है। एक रिपोर्ट में, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्वाइंट्स को रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक बंद रखा जाएगा।
देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में 13 मार्च को शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गई थी। इसके कुछ ही दिनों बाद फिर से रांची स्टेशन पर एक मालगाड़ी के इंजन में भी आग लगने की घटना सामने आई थी। सुरक्षा उपायों पर हुई समीक्षा बैठक के बाद रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सुरक्षा रेलवे का फोकस है और किसी भी वजह से उसे दरकिनार नहीं किया जाएगा। गाडिय़ों के चलाने में सभी सुरक्षा उपायों की गहन समीक्षा और रिचेकिंग करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, रेलवे धूम्रपान संबंधित नियमों को भी कड़ा करेगा। माना जा रहा है कि आग लगने की घटनाओं के पीछे एक वजह यह भी है। ट्रेनों में ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाना रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध है और अपराधी को तीन साल तक का कारावास या 1,000 रुपये या फिर दोनों का जुर्माना हो सकता है। वहीं, धारा 165 के तहत 500 रुपये भी बतौर जुर्माना देना पड़ सकता है। भारतीय रेलवे ने जोनल रेलवे को निर्देश दिया है कि आग की घटनाओं के खिलाफ बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में रेलवे के उपयोगकर्ताओं और कर्मचारियों सहित सभी हितधारकों को शिक्षित करने के लिए सात दिनों का गहन जागरूकता अभियान शुरू किया जाए।