लखनऊ। मिशन शक्ति अभियान से प्रदेश की महिलाओं व बालिकाओं को एक ओर कानूनी अधिकारों, सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है तो वहीं सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की दिशा में उनके कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। अभियान की सफलता देखते हुए अप्रैल बाद भी एक नए कलेवर में मिशन शक्ति अभियान प्रदेश में चलाया जाएगा। अप्रैल के बाद भी मिशन को जारी रखने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारी अगले एक वर्ष का रोड मैप तैयार करके 31 मार्च तक महिला कल्याण विभाग को सौंपेंगें। इसके तहत महिलाओं और बच्चों के मुद्दों के लिए अलग-अलग कार्ययोजनाओं को तैयार किया जाएगा। महिला कल्याण विभाग के निदेशक और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि बहुत से क्षेत्रों में आज भी महिलाओं और बच्चों को भेदभाव व लैंगिक असमानता का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में उनको उन स्थितियों से उबारने में प्रभावी संचार की बड़ी भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए विशेष सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार माड्यूल तैयार किया गया है और मार्च माह में इसी माड्यूल के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा । इन कार्यक्रमों में हम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ सम्मिलित रूप से कार्य कर रहे हैं । मिशन शक्ति अभियान के तहत मार्च माह की थीम “महिलाओं तथा बच्चों में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार” तय की गयी है । इसके तहत महिलाओं और बच्चों को अपने हक की लड़ाई में प्रभावी संचार की भूमिका के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही समाज में समाज में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार के माध्यम से रुढि़वादी मान्यताओं को दूर करने के लिए सकारात्मक माहौल बनाया जाएगा। इसके अलावा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली महिलाओं की पहचान कर उनकी सफलता की कहानियों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि अन्य महिलाओं के लिए वह प्रेरणा बन सकें। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मास्टर ट्रेनिंग सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार माड्यूल के आधार पर दी गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हर जिले के बाल संरक्षण इकाई के एक-एक सदस्य, महिला शक्ति केंद्र से एक-एक सदस्य, हर जिले से चार-चार मुख्य सेविका को प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश के ये मास्टर ट्रेनर अन्य विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहें हैं।