नोट बैन के बाद अब काम आएंगे जन-धन खाते

JanDhanYojanaनई दिल्ली  (आरएनएस)। देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले किसानों और गरीबों को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बदलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले 25.45 करोड़ बैंक खाते उनके इस काम में आएंगे। ऐसे लोगों के पास अगर फसल की बिक्री या पगार के रूप में 500 और हजार रुपये के नोट मिले हैं तो वे जन धन के अपने खाते में इन्हें जमा कर सकेंगे। साथ ही अगर उन्हें किसी को भुगतान करना है तो रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर लेन-देन कर सकेंगे। जबकि कोई खाता न होने पर भी किसी भी बैंक या डाकघर से रोजाना चार हजार रुपये के पुराने नोट बदलने का विकल्प रहेगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देशभर में 25.45 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। इनमें से 15.62 करोड़ बैंक खाते ग्रामीण तथा 9.83 करोड़ बैंक खाते शहरी क्षेत्रों में हैं। खास बात यह है कि इनमें से 19.44 करोड़ खाताधारकों को रुपे कार्ड जारी हो चुका है। ऐसे में ये लोग हाथ में नकदी न होने पर रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर लेन-देन कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी है। ऐसे में इन किसानों को पुराने नोट बदलने या लेन-देन करने में कोई समस्या नहीं होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी कहना है कि सरकार ने व्यापक स्तर पर वित्तीय समावेशन किया है इसलिए आज बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच आबादी के बड़े हिस्से तक हो गयी है। वहीं वित्त मंत्रलय में बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली चिव दुग्गल का कहना है कि सरकार देशभर में नकदी उपलब्ध कराने के लिए सवा लाख से अधिक बैंक शाखाओं के साथ ही बैकिंग मित्रों के नेटवर्क का भी इस्तेमाल करेगी। बैंक मित्र के पास जाकर भी लोग अपना पैसा जमा या निकाल सकेंगे। देशभर में सवा लाख से अधिक बैंक मित्र हैं। इसके अलावा डाकघरों में भी पुराने नोट जमा कर नए नोट बदलने की सुविधा होगी। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत देशभर में रिकॉर्ड संख्या में बैंक खाते खुले हैं। इन बैंक खातों में फिलहाल 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा है।