नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 7वें पे-कमीशन की सिफारिशों पर अमल करते हुए कर्मचारियों को वेतन में बढ़ोतरी के साथ पूरा बकाया राशि अगस्त की तनख्वाह के साथ देने का ऐलान किया है। दरअसल एक जनवरी से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी। जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को अगस्त महीने का वेतन और साथ में जनवरी से जुलाई तक का वेतन बढ़ोतरी की बाकी रकम भुगतान किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, जिसके बाद कुछ मसलों पर कर्मचारी संगठनों और सरकार में बातचीत हुई, और फिर वित्त मंत्रालय ने अगस्त महीने के वेतन के साथ बाकी राशि भी देने का ऐलान कर दिया। इससे पहले 27 जुलाई को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। जहां कुछ मुद्दों पर सरकार कर्मचारियों के विरोध के बाद बातचीत के लिए तैयार हो गई और समितियों का गठन किया गया है।
वेतन आयोग की सिफारिशों में एक और मुद्दा ऐसा है कि जिस पर कर्मचारियों खास तौर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नाराजगी खुलकर सामने आई है वह है एमएसीपी। एमएसीपी यानी मोडीफाइड एशर््योड करियर प्रोगेशन। इसके तहत ऐसे केंद्रीय कर्मचारियों का वार्षिक अप्रेजल या इंक्रीमेंट नहीं होगा, जिनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं होगा।
वित्त मंत्रालय ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन संबंधी अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि अब कर्मचारियों के प्रमोशन और वार्षिक इंक्रीमेंट के संबंधित बेंचमार्क का नया स्तर अब अच्छा से बहुत अच्छा किया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि पहले की तरह 10 साल, 20 और 30 साल की सेवा से संबंधित मोडीफाइड एशर््योड करियर प्रोगेशन (एमएसीपी) स्कीम को जारी रखा जाएगा। जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन एमएसीपी के लिए निर्धारित बेंचमार्क या पहले 20 सालों की सेवा के दौरान नियमित प्रमोशन के लिए अपेक्षित नहीं पाया जाएगा तो ऐसे कर्मचारियों की वार्षिक इंक्रीमेंट को रोक देने संबंधित सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है।