इटानगर। अरुणाचल प्रदेश में एक और विवाद खड़ा हो गया जब नबाम तुकी नीत कांग्रेस की सरकार में अविश्वास प्रदर्शित करने तथा एक बागी कांग्रेसी विधायक को नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बागी विधायक एकजुट हो गए। विपक्षी और बागी कांग्रेसी विधायक कल एक सामुदायिक हॉल में बनाये गए अस्थायी विधानसभा परिसर में विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया पर महाभियोग चलाने के बाद गुरूवार को एक होटल स्थित एक सम्मेलन कक्ष में एकत्रित हुए क्योंकि विधानसभा परिसर को कल ही सील कर दिया गया था। विधानसभा उपाध्यक्ष टी नोरबू थोंगडोक के आज पीठासीन रहते भाजपा के 11 विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों के अविश्वास प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। 60 सदस्यीय विधानसभा के कुल 33 सदस्यों (कांग्रेस के बागी 20 सदस्यों सहित) ने बाद में एक अन्य बागी कांग्रेसी विधायक कलिखो पुल को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुन लिया। मुख्यमंत्री नबाम तुकी और उनके 26 समर्थक विधायकों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया और इसे अवैध एवं अवंसैधानिक करार दिया।
थोंगडोक ने पुल को सदन का नया नेता घोषित किया और कहा कि कार्यवाही का पूरा रिकार्ड राज्यपाल को भेजा जाएगा जो नये मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद को जल्द ही पद की शपथ लेने के लिए कहेंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कल्याण सिंह बनाम जगदम्बिका पाल के मामले में देश में पहली बार समेकित शक्ति परीक्षण शुरु किया था जिसमें सदस्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा ले सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो अलग- अलग पत्र लिखकर उनसे राज्य में उत्पन्न राजनीतिक संकट में हस्तक्षेप करने की अपील की।